अब होगा भारत का अपना Car Safety Rating सिस्टम, 1-5 तक मिलेगी रेटिंग, जानिए क्या है सरकार का प्लान
अब भारत सरकार अपनी खुद की सेफ्टी रेटिंग (Car Safety Rating) व्यवस्था लाने की तैयारी में है. इसके तहत 1-5 तक की रेटिंग की जाएगी और 5 की रेटिंग वाली कार सबसे सुरक्षित गाड़ी मानी जाएगी.
भारत सरकार ने लोगों के लिए सड़क यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं. इसी के चलते अब सरकार अपनी खुद की सेफ्टी रेटिंग (Car Safety Rating) व्यवस्था लाने की तैयारी में है. इसके तहत 1-5 तक की रेटिंग की जाएगी और 5 की रेटिंग वाली कार सबसे सुरक्षित गाड़ी मानी जाएगी. रेटिंग की मदद से लोगों के लिए गाड़ी खरीदते वक्त सही कार चुनने में आसानी होगी. लोगों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के मकसद से सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन (Car Safety Rating draft notification) जारी किया है. इस नोटिफिकेशन पर सरकार ने तमाम स्टेकहोल्डर्स से अगले 30 दिनों में उनके सुझाव मांगे हैं. सरकार ने ये भी कहा है कि अगर किसी को नई व्यवस्था से कोई आपत्ति हो तो उसे भी दर्ज किया जाए, ताकि उससे निपटने पर विचार किया जा सके.
M1 कैटेगरी की गाड़ियों के लिए रेटिंग का प्रस्ताव
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय का प्रस्ताव है कि सभी M1 कैटेगरी की गाड़ियों के लिए भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (Bharat New Car Assessment Programme) यानी BNCAP लागू किया जाएगा. यह हर गाड़ी के लिए लागू होगा, चाहे वह देश में बनी हो या विदेश से आयात की गई हो. बता दें कि M1 कैटेगरी गाड़ी का मतलब वह सभी सवारी गाड़ियां हैं, जिसमें ड्राइवर समेत 8 लोगों तक बैठने की व्यवस्था होती है.
BNCAP से जांच के बाद वेबसाइट पर जारी होगी रेटिंग
BNCAP एक टेस्टिंग एंजेसी होगी, जो AIS-197 मानकों को जांचते हुए रेटिंग देगी. अभी इस रेटिंग व्यवस्था को इच्छुक रखा गया है. 1 अक्टूबर 2023 से रेटिंग के इच्छुक मैन्युफैक्चरर या इंपोर्टर गाड़ी की हर तरह की जानकारी को एक फॉर्म में भरकर टेस्टिंग एजेंसी को देंगे. इसके बाद रेटिंग को प्रमाणित करने वाली एजेंसी यानी सरकार की वेबसाइट पर कार रेटिंग को जारी कर दिया जाएगा.
3 कसौटियों पर होगी रेटिंग
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1- Adult Occupant Protection: इसके तहत ये चेक किया जाएगा कि गाड़ी वयस्क मतलब 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए कितनी सुरक्षित है.
2- Child Occupant Protection: इसके तहत चेक होगा कि गाड़ी बच्चों के लिहाज से कितनी सुरक्षित है.
3- Safety Assit Technology: इसके तहत चेक किया जाएगा कि गाड़ी में सुरक्षा के लिहाज से टेक्नोलॉजी कितनी है. इसमें सीट बेल्ट अलार्म, सेंसर, स्मोक डिटेक्शन और एक्सीडेंट के बाद गाड़ी से निकलना कितना आसान है, ये सब देखा जाएगा.
कंपनियां खुद आगे आएंगी रेटिंग के लिए
सरकार का मानना है कि कंपनियां रेटिंग के लिए खुद ही आगे आएंगी. इससे सबसे बड़ा फायदा होगा कि आने वाले दिनों में सिर्फ सुरक्षित गाड़ियां ही बनेंगी. यानी उन गाड़ियों में एयरबैग, थ्री पॉइंट सीट बेल्ट, बेल्ट अलार्म समेत सभी जरूरी उपाय होंगे. रेटिंग का खर्च ऑटो कंपनी या इंपोर्टर की तरफ से वहन किया जाएगा. अब गाड़ियों को रेटिंग के लिए विदेश भेजने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि देश में ही कारों की रेटिंग हो जाएगी. विदेशों से मिलने वाली रेटिंग पर आने वाले खर्च की तुलना में BNCAP से रेटिंग लेना विदेशों के मुकाबले सस्ता भी पड़ेगा. इस रेटिंग की एक अच्छी बात ये भी है कि यह भारत की सड़क और जरूरत को ध्यान में रखते हुए दी जाएगी.
08:54 AM IST